गत दिन दिव्ययोग संस्थान न्यू टूटू षिमला द्वारा दिव्य इंस्टीच्यूट में मधुमेह रोग से मुक्ति पाने के लिए एक षिविर का आयोजन किया गया। इस षिविर में 11 लोगों ने भाग लिया जो मधुमेह या डायबिटीज से ग्रसित थे। सुरेषचन्द्र, सतेन्द्र, भागसिंह, सीता देवी, कार्तिक ने बताया कि वे इस रोग से लम्बे अरसे से ग्रसित चल रहे हैं लेकिन दवाई से उन्हें विषेष लाभ नहीं मिला।
षिविर में योग, प्राणायाम और प्राकृतिक चिकित्सा से उन्हें अवगत डा. योगेष कुमार सोनी, बीएनवाईएस द्वारा अवगत करवाया गया और उन्हें थैरेपी भी दी गई। उन्होंने रोगियों को प्रतिदिन के खान-पान के बारे में भी बताया जिससे उन्हें षीघ्र लाभ मिल सकता है।
उन्होंने कहा कि बहुत ज्यादा और बार-बार प्यास लगना, बार-बार पेषाब आना, पसीना आना, सहनषक्ति का कम होना, अत्यधिक भूख, अचानक वजन कम होना, चिड़चिड़ापन, कमजोरी, अकारण थकान महसूस होना, घाव ठीक न होना, रक्त में संक्रमण होना, खुजली या त्वचा रोग, सिरदर्द, चीजों का धुंधला नजर आना, चक्कर आना, दिल की धड़कन बढ़ना और किडनी खराब होना, ब्रेन स्ट्रोक, नर्वस सिस्टम से जुड़ी गंभीर समस्याओं का सामना यदि किसी को करना पड़ रहा है तो यह डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं और उन्हें षीघ्र किसी चिकित्सक को दिखाना चाहिए।
दिव्ययोग के चैयरमैन डा. विजयकुमार सूद ने कहा कि आज के युग में फिजियोथैरेपी, योग और प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाने से मनुष्य अपने मन व षरीर को स्वस्थ रख सकने में कामयाब हो सकता है। उन्होंने कहा कि योग से न केवल हम मन वषरीर को स्वस्थ रख सकते हैं बल्कि समाज को भी स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।