हिमाचल प्रदेश उपोष्णकटिबंधीय बागवानी, सिंचाई और मूल्य संवर्धन परियोजना (एचपी शिवा)  के अंतर्गत के शुक्रवार को निदेशक उद्यान विभाग संदीप कदम बसंत की अध्यक्षता में जिला मुख्यालय के उपनिदेशक उद्यान विभाग कार्यालय से वर्चुअल माध्यम से क्रेता विक्रेता मीट का आयोजन किया गया। 

निर्देशक संदीप कदम बसंत ने कहा कि इस क्रेता विक्रेता मीट के आयोजन का उद्देश्य एचपी शिव परियोजना के अंतर्गत के  क्लस्टर आधार  पर रोपित सिट्रस पोधो के फलों को मार्केट से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि इन क्षेत्रों के बागवानों कि आमदनी को बढ़ाया जा सके।

उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के निचली इलाकों के सात जिलों  के 28 ब्लॉक में यह परियोजना चलाई गई है। इसके तहत ज्यादा से ज्यादा किसानो को जोड़ने  और उनकी आमदनी को अधिक से अधिक बढाने को प्रयास किया जा रहा है।

 उन्होंने कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत प्रदेश में प्रथम और द्वितीय फेज में 6000 हैकटेयर जमीन को बागवानी के अंतर्गत लाना है । इन क्षेत्रों में वाणिज्यिक और वैज्ञानिक तर्ज पर क्लस्टर दृष्टिकोण से अमरूद, माल्टा (साइट्रस), अनार, लीची, जापानी फल, खुरमानी, आम और पीका नट के उच्च घनत्व वाले वृक्षारोपण किया गया है जिससे  लगभग 2.35 लाख मैट्रिक टन फल उत्पादित होने के संभावना है और भविष्य में इन क्लस्टर से बहुत बड़ी मात्रा में फल उत्पादित होगा। जिसके मध्य नजर इन फलों की मार्केटिंग और चेंन सप्लाई स्थापित करना अपने आप में एक चुनौती है। इन फलों के लिए मार्केटिंग और  सप्लाई चैन को स्थापित करने के लिए प्रदेश  में चार बड़े क्रेता विक्रेता मीट यानी बायर सेलर मीट का आयोजन किया जा रहा है जिसके तहत हमीरपुर  में पहले ही इस मीट का आयोजन करवाया गया है इसके अतिरिक्त शुक्रवार को बिलासपुर में इस मीट का आयोजन किया गया जबकि 16 अक्टूबर को धर्मशाला और 17 अक्टूबर 2023 को मंडी में इस क्रेता विक्रेता मीट का आयोजन किया जा रहा है।

 उन्होंने बताया कि इस मीट के माध्यम से प्रदेश सहित सभी पड़ोसी राज्यों के बड़े-बड़े बायर्स को इन फलों को खरीदने के लिए जोड़ा जा रहा है। इसके अतिरिक्त इन फलों के बेहतर मार्केटिंग के लिए खरीदारों की समस्याओं को भी इस मीट के माध्यम से सुना जा रहा है।

उन्होने बताया कि दिल्ली में बायर सेलर मीट को लेकर एमाजोन, जिप्टो, रिलायंस फ्रैस, बिग बाजार के साथ एक बैठक की गई है और इन्हे जागरूक किया है कि  हिमाचल प्रदेश में पहली बार इस तरह के फलो का उत्पादन किया जा रहा है  

उन्होंने बताया कि जिला बिलासपुर में ही अकेले 100 मेट्रिक टन से ज्यादा फल उत्पादित होने  का अनुमान है।

 जिला में  2020-21 के दौरान 55.78 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर कुल 4 पीआरएफ  क्लस्टर स्थापित किए गए हैं और इसमें 50504 पौधे रोपित किये गये।

 वर्ष 2021-22 के दौरान लगभग 28 हेक्टेयर भूमि पर 27 एफएलडी स्थापित कर 31868 पौधे लगाये गये हैं वर्ष 2022-23 के दौरान आगामी ऋण  के तहत 3 क्लस्टर स्थापित किए गए हैं। जिसमें 1,09,930 पौधे  माल्टा 74884, अमरूद 15569, अनार 8957 और लीची 10520 पोधे 109 हेक्टेयर में लगाए गए। https://youtu.be/m3n26zY0vlc?si=fb3AMswH_mwkDKC0 उन्होंने बताया की माल्टा   का कुल अपेक्षित उत्पादन 110 मीट्रिक टन और अमरूद का 8 मीट्रिक टन है। 

इस मीट में एचपी शिव परियोजना के प्रोजेक्ट डायरेक्टर देवेंद्र सिंह उपनिदेशक उद्यान विभाग माला शर्मा जिला समन्वयक अधिकारी रमल अंगरिया सहित विभाग के अन्य अधिकारी विभिन्न क्षेत्रों से बुलाए गए क्रेता और किसान उपस्थित रहे।

एचपी शिव परियोजना के तहत बेहतर मार्केटिंग और सप्लाई चैन स्थापित करने के लिए सेलर बायर मीट का किया जा रहा है आयोजन

बिलासपुर 13 अक्टूबर 2023

हिमाचल प्रदेश उपोष्णकटिबंधीय बागवानी, सिंचाई और मूल्य संवर्धन परियोजना (एचपी शिवा)  के अंतर्गत के शुक्रवार को निदेशक उद्यान विभाग संदीप कदम बसंत की अध्यक्षता में जिला मुख्यालय के उपनिदेशक उद्यान विभाग कार्यालय से वर्चुअल माध्यम से क्रेता विक्रेता मीट का आयोजन किया गया। 

निर्देशक संदीप कदम बसंत ने कहा कि इस क्रेता विक्रेता मीट के आयोजन का उद्देश्य एचपी शिव परियोजना के अंतर्गत के  क्लस्टर आधार  पर रोपित सिट्रस पोधो के फलों को मार्केट से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि इन क्षेत्रों के बागवानों कि आमदनी को बढ़ाया जा सके।

उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के निचली इलाकों के सात जिलों  के 28 ब्लॉक में यह परियोजना चलाई गई है। इसके तहत ज्यादा से ज्यादा किसानो को जोड़ने  और उनकी आमदनी को अधिक से अधिक बढाने को प्रयास किया जा रहा है।

 उन्होंने कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत प्रदेश में प्रथम और द्वितीय फेज में 6000 हैकटेयर जमीन को बागवानी के अंतर्गत लाना है । इन क्षेत्रों में वाणिज्यिक और वैज्ञानिक तर्ज पर क्लस्टर दृष्टिकोण से अमरूद, माल्टा (साइट्रस), अनार, लीची, जापानी फल, खुरमानी, आम और पीका नट के उच्च घनत्व वाले वृक्षारोपण किया गया है जिससे  लगभग 2.35 लाख मैट्रिक टन फल उत्पादित होने के संभावना है और भविष्य में इन क्लस्टर से बहुत बड़ी मात्रा में फल उत्पादित होगा। जिसके मध्य नजर इन फलों की मार्केटिंग और चेंन सप्लाई स्थापित करना अपने आप में एक चुनौती है। इन फलों के लिए मार्केटिंग और  सप्लाई चैन को स्थापित करने के लिए प्रदेश  में चार बड़े क्रेता विक्रेता मीट यानी बायर सेलर मीट का आयोजन किया जा रहा है जिसके तहत हमीरपुर  में पहले ही इस मीट का आयोजन करवाया गया है इसके अतिरिक्त शुक्रवार को बिलासपुर में इस मीट का आयोजन किया गया जबकि 16 अक्टूबर को धर्मशाला और 17 अक्टूबर 2023 को मंडी में इस क्रेता विक्रेता मीट का आयोजन किया जा रहा है।

 उन्होंने बताया कि इस मीट के माध्यम से प्रदेश सहित सभी पड़ोसी राज्यों के बड़े-बड़े बायर्स को इन फलों को खरीदने के लिए जोड़ा जा रहा है। इसके अतिरिक्त इन फलों के बेहतर मार्केटिंग के लिए खरीदारों की समस्याओं को भी इस मीट के माध्यम से सुना जा रहा है।

उन्होने बताया कि दिल्ली में बायर सेलर मीट को लेकर एमाजोन, जिप्टो, रिलायंस फ्रैस, बिग बाजार के साथ एक बैठक की गई है और इन्हे जागरूक किया है कि  हिमाचल प्रदेश में पहली बार इस तरह के फलो का उत्पादन किया जा रहा है  

उन्होंने बताया कि जिला बिलासपुर में ही अकेले 100 मेट्रिक टन से ज्यादा फल उत्पादित होने  का अनुमान है।

 जिला में  2020-21 के दौरान 55.78 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर कुल 4 पीआरएफ  क्लस्टर स्थापित किए गए हैं और इसमें 50504 पौधे रोपित किये गये।

 वर्ष 2021-22 के दौरान लगभग 28 हेक्टेयर भूमि पर 27 एफएलडी स्थापित कर 31868 पौधे लगाये गये हैं वर्ष 2022-23 के दौरान आगामी ऋण  के तहत 3 क्लस्टर स्थापित किए गए हैं। जिसमें 1,09,930 पौधे  माल्टा 74884, अमरूद 15569, अनार 8957 और लीची 10520 पोधे 109 हेक्टेयर में लगाए गए। उन्होंने बताया की माल्टा   का कुल अपेक्षित उत्पादन 110 मीट्रिक टन और अमरूद का 8 मीट्रिक टन है। 

इस मीट में एचपी शिव परियोजना के प्रोजेक्ट डायरेक्टर देवेंद्र सिंह उपनिदेशक उद्यान विभाग माला शर्मा जिला समन्वयक अधिकारी रमल अंगरिया सहित विभाग के अन्य अधिकारी विभिन्न क्षेत्रों से बुलाए गए क्रेता और किसान उपस्थित रहे।

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